कुंभ मेला पुण्य का पर्व भजन लिरिक्स
कुंभ मेला में पुण्य का पर्व,
हर-हर गंगे का गूँजता स्वर।
संतों का संग, भक्तों की भीड़,
धर्म और आस्था का उमड़ता सागर।
हर दिशा में गूँज रही है,
शंख-ध्वनि और मंत्र की गूँज।
पवित्र जल में डुबकी लगाकर,
मिलता है मोक्ष का अनमोल बूँद।
गंगा के तट पर दीप जलते,
आस्था का पर्व मनाते।
भक्तों के मन में उमंग भरते,
हर दिल में विश्वास जगाते।
साधु-संतों का संगम प्यारा,
ज्ञान और भक्ति का बहता धारा।
कुंभ में होती अद्भुत छटा,
हर मन में बसता दिव्य नजारा।
पुण्य का पर्व है कुंभ महान,
धर्म और संस्कृति का सम्मान।
आओ मिलकर इसे मनाएँ,
हर मन को शुद्ध बनाएँ।