Type Here to Get Search Results !

कुंभ मेला में त्रिवेणी की धारा भजन लिरिक्स | Kumbh Mela Mai Trivenee Ki Dhaara Lyrics

Kumbh Mela Mai Trivenee Ki Dhaara Lyrics


कुंभ मेला में त्रिवेणी की धारा भजन लिरिक्स


कुंभ मेला में त्रिवेणी की धारा,
पावन गंगा यमुना सरस्वती का सहारा।
जहाँ संत महात्मा आशीष बरसाते,
हरि के नाम का संगम दिखाते।
भक्तों का तांता, सब संग में नहाते,
पुण्य की गाथा हर कोई गाते।

कुंभ मेला में त्रिवेणी की धारा,
पावन गंगा यमुना सरस्वती का सहारा।
साधु-संतों की टोली, हर दिशा से आई,
हरि की महिमा में सबने लगाई।
जप-तप और ध्यान में सब रम गए,
मोक्ष की राह पर सब चल पड़े।

कुंभ मेला में त्रिवेणी की धारा,
पावन गंगा यमुना सरस्वती का सहारा।
अमृत की बूंदों का यह है प्रसंग,
देवों और असुरों का अनूठा संग।
जो भी यहाँ डुबकी लगाता,
पापों से मुक्त होकर स्वर्ग को पाता।

कुंभ मेला में त्रिवेणी की धारा,
पावन गंगा यमुना सरस्वती का सहारा।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
close button