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कुंभ मेला में शंखनाद की पवित्रता भजन लिरिक्स - Kumbh Mela Mai Shankhanaad Ki Pavitrata Bhajan Lyrics

Kumbh Mela Mai Shankhanaad Ki Pavitrata Bhajan Lyrics


कुंभ मेला में शंखनाद की पवित्रता भजन लिरिक्स


श्लोक

ॐ नमः शिवाय, हर हर गंगे,
पावन धारा, संगम के रंगे।

मुखड़ा

कुंभ मेला में शंखनाद की पवित्रता,
हरि का नाम, हर दिल में पवित्रता।
संगम की लहरों में अमृत की धारा,
हर पल में है श्रद्धा का सहारा।

अंतरा 1

साधु-संतों की टोली आई,
हरि की महिमा गाई।
ध्यान लगाकर गंगा किनारे,
भक्तों ने आरती सजाई।

अंतरा 2

अमृत कलश का ये पर्व महान,
आस्था का है ये प्रमाण।
पुण्य कमाने को आते सब,
संगम तट पर मिलता ज्ञान।

अंतरा 3

शंखनाद से गूंजे धरा,
हरि नाम का हो जयघोष।
कुंभ में सबके मन की शांति,
मिलती है हरि का सन्देश।


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