कुंभ मेला में हरि के चरणों में शरण लिरिक्स
कुंभ मेला में हरि के चरणों में शरण
सारे संत-जनों का संग प्यारा है।
हरि के नाम का जयकारा है,
गंगा-जमुना का संगम न्यारा है।
कुंभ मेला में हरि के चरणों में शरण।
साधु-संतों का वास यहाँ,
हरि के नाम की मिठास यहाँ।
जप-तप और ध्यान यहाँ,
हरि के चरणों का ज्ञान यहाँ।
कुंभ मेला में हरि के चरणों में शरण।
पुण्य की गाथा है ये,
हरि की लीला की कथा है ये।
स्नान से मिलता उद्धार यहाँ,
हरि का साक्षात् द्वार यहाँ।
कुंभ मेला में हरि के चरणों में शरण।