कुंभ मेला में गंगा का पावन स्पर्श भजन लिरिक्स
कुंभ मेला में गंगा का पावन स्पर्श
पावन कुंभ मेला में, गंगा का पावन स्पर्श,
हर हर गंगे, जय गंगे, गूंजे भक्तों का हर्ष।
स्नान करें संत, ऋषि-मुनि,
पावन करें तन-मन,
गंगा जल की एक बूँद से,
मिट जाए हर बंधन।
हर हर गंगे, हर हर गंगे,
जीवन का यह अमृत।
पावन कुंभ मेला में, गंगा का पावन स्पर्श।
चारों ओर भक्ति का सागर,
मंत्रों की गूंज है,
माँ गंगा के चरणों में,
हर दिल का पूज है।
अहंकार, पाप और मोह का,
हो जाए अंत यहाँ,
गंगा माँ की गोद में पाओ,
मोक्ष का मार्ग यहाँ।
हर हर गंगे, जय गंगे,
गंगा तेरा ये वरदान।
पावन कुंभ मेला में, गंगा का पावन स्पर्श।