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साँवरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है लिरिक्स | Sanvare Se Milne Ka Satsang He Bahana Hai Bhajan Lyrics

Sanvare Se Milne Ka Satsang He Bahana Hai Bhajan Lyrics


साँवरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है लिरिक्स


सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है॥
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है॥

चलो सत्संग में चलें, हमें हरि गुण गाना है।
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है॥

मीरां पुकार रही, आओ मेरे गिरधारी।
विष भरे प्याले को, अमृतमय बनाना है।
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है॥

द्रोपती पुकार रही, आवो मेरे बनवारी।
चीर बढा जाओ है, मेरी लाज को बचाना है॥
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है॥

शबरी पुककर रही, आओ मेरे रघुराई।
खट्टे मीठे बेरों का तोहे भोग लगाना है॥
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है॥

मथुरा में ढूँढा तुझे, गोकुल में पाया है।
वृन्दावन की गलियों में, मेरे श्याम का ठिकाना है॥
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है॥

चलो सत्संग में चलें, हमें हरि गुण गाना है।
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है॥




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