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है प्रीत जहाँ की रीत सदा लिरिक्स | Hai Prit Jaha Ki Rit Sada Lyrics

Hai Prit Jaha Ki Rit Sada Lyrics


है प्रीत जहाँ की रीत सदा लिरिक्स


जब ज़ीरो दिया मेरे भारत ने 
भारत ने मेरे भारत ने 
दुनिया को तब गिनती आयी 
तारों की भाषा भारत ने 
दुनिया को पहले सिखलायी

देता ना दशमलव भारत तो 
यूँ चाँद पे जाना मुश्किल था
धरती और चाँद की दूरी का
अंदाज़ लगाना मुश्किल था

सभ्यता जहाँ पहले आयी
पहले जनमी है जहाँ पे कला 
अपना भारत जो भारत है 
जिसके पीछे संसार चला
संसार चला और आगे बढ़ा
ज्यूँ आगे बढ़ा, बढ़ता ही गया 
भगवान करे ये और बढ़े 
बढ़ता ही रहे और फूले-फले

मदनपुरी: चुप क्यों हो गये?
और सुनाओ

है प्रीत जहाँ की रीत सदा 
मैं गीत वहाँ के गाता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ 
भारत की बात सुनाता हूँ

काले-गोरे का भेद नहीं 
हर दिल से हमारा नाता है 
कुछ और न आता हो हमको 
हमें प्यार निभाना आता है 
जिसे मान चुकी सारी दुनिया 
मैं बात वोही दोहराता हूँ 
भारत का रहने वाला हूँ 
भारत की बात सुनाता हूँ

जीते हो किसीने देश तो क्या
हमने तो दिलों को जीता है 
जहाँ राम अभी तक है नर में 
नारी में अभी तक सीता है 
इतने पावन हैं लोग जहाँ 
मैं नित-नित शीश झुकाता हूँ 
भारत का रहने वाला हूँ 
भारत की बात सुनाता हूँ

इतनी ममता नदियों को भी 
जहाँ माता कहके बुलाते है 
इतना आदर इन्सान तो क्या
पत्थर भी पूजे जातें है 
इस धरती पे मैंने जनम लिया 
ये सोच के मैं इतराता हूँ 
भारत का रहने वाला हूँ 
भारत की बात सुनाता हूँ



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