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शेषनाग की आरती लिरिक्स | Sheshnag Ki Aarti Lyrics

Sheshnag Ki Aarti Lyrics


शेषनाग की आरती लिरिक्स


आरती कीजे श्री नाग देवता की ,भूमि का भार वहनकर्ता की।
उग्र रूप है तुम्हारा देवा भक्त,सभी करते है सेवा।।

मनोकामना पूरण करते ,तन-मन से जो सेवा करते।
आरती कीजे श्री नाग देवता की ,भूमि का भार वहनकर्ता की।।

भक्तो के संकट हारी की आरती कीजे श्री नागदेवता की।
आरती कीजे श्री नाग देवता की ,भूमि का भार वहनकर्ता की।।

महादेव के गले की शोभा ग्राम देवता मै है ।
पूजा श्ररेत वर्ण है तुम्हारी धव्जा।।

दास ऊकार पर रहती क्रपा सहसत्रफनधारी की।
आरती कीजे श्री नाग देवता की ,भूमि का भार वहनकर्ता की।।

आरती कीजे श्री नाग देवता की ,भूमि का भार वहनकर्ता की।
||ॐ हँ जू स: श्री नागदेवतायेनमोनम:||
||ॐ श्री भीलट देवाय नम:||



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