जरा, सर को … झुकाओ, वसु देव जी
थारी, टोकरी में … त्रिलोकी, नाथ है
चूमने दो, चरण … मुझे, प्रेम से
आज, यमुना की … यही, फरियाद है
राम बने, गंगा तट, लांघे … मारे थे, अत्याचारी…2
आज ये, मुझको, पार करेंगे … मैं हु, इनकी , आभारी…2
मेरी, बून्द बून्द, हरसात है … छाई, काली घटा, बरसात है
चूमने दो, चरण, मुझे प्रेम से…
यमुना जी का, धीरज टूटा … उमड़ घुमड़, कर, आई है
श्याम ने, चरण, बढ़ाये आगे … यमुना जी, हरसाई है
चरणो से, लगाय लियो, माथ है … प्रभु प्रेम से, धरो, सिर पर, हाथ है
चूमने दो, चरण मुझे, प्रेम से …
चुम कर, प्रभु के, चरणों को … मन ही, मन में, नमन किया
वसुदेव जी, गोकुल, पहुंचे … खुद ही, रस्ता, बना दिया
बिन्नू , जग में, हुई, प्रभात है… लक्खा, डरने की, अब, क्या बात है
चूमने दो, चरण, मुझे प्रेम से …