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देवभूमि भजन लिरिक्स | Devbhoomi Bhajan Lyrics

Devbhoomi Bhajan Lyrics


देवभूमि भजन लिरिक्स


जहाँ पवन बहे संकल्प लिए 
जहाँ पर्वत गर्व सीखातें हैं 
जहाँ ऊँचे नीचे सब रस्ते बस 
भक्ति के सुर में गाते हैं 

जहाँ पवन बहे संकल्प लिए 
जहाँ पर्वत गर्व सीखातें हैं 
जहाँ पवन बहे संकल्प लिए 
जहाँ पर्वत गर्व सीखातें हैं 
जहाँ ऊँचे नीचे सब रस्ते 
भक्ति के सुर में गाते हैं 

उस देवभूमि के ध्यान से मै 
धन्य धन्य हो जाता हूँ 

उस देवभूमि के ध्यान से मै 
धन्य धन्य हो जाता हूँ है 
भाग्य मेरा सौभाग्य मेरा 
मै तुमको शीश नवाता हूँ 
मै तुमको शीश नवाता हूँ 
और धन्य धन्य हो जाता हूँ 

मै तुमको शीश नवाता हूँ 
और धन्य धन्य हो जाता हूँ 
हो जाता हूँ, हो जाता हूँ 
मांडवे की रोटी और 
हुड़के की थाप 

हर एक मन करता शिवजी का जाप 
ऋषि मुनियों की है ये तपोभूमी 
इतने वीरों की ये जन्मभूमी 
तुम आँचल हो भारत का 
जीवन की धूप में छाँव तुम 

तुम आँचल हो भारत का 
जीवन की धूप में छाँव तुम 
बस छूने से तर जाए 

सबसे पवित्र वो पाँव हो तुम 
बस लिए समर्पण तन मन से 

मै देवभूमी में आता हूँ 
है भाग्य मेरा सौभाग्य मेरा 
मै तुमको शीश नवाता हूँ 
मै तुमको शीश नवाता हूँ 
और धन्य धन्य हो जाता हूँ 
मै तुमको शीश नवाता हूँ 
और धन्य धन्य हो जाता हूँ 
मै तुमको शीश नवाता हूँ 
और धन्य धन्य हो जाता हूँ 
मै तुमको शीश नवाता हूँ 
और धन्य धन्य हो जाता हूँ 
हो जाता हूँ, हो जाता हूँ 

है भाग्य मेरा सौभाग्य मेरा 
मै तुमको शीश नवाता हूँ 
मै तुमको शीश नवाता हूँ



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