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बेद की औषद खाइ कछु न करै: माँ गंगा माहात्म्य भजन लिरिक्स | Sudhamayi Bhagirathi Bhajan Lyrics

Sudhamayi Bhagirathi Bhajan Lyrics


बेद की औषद खाइ कछु न करै: माँ गंगा माहात्म्य भजन लिरिक्स


माँ गंगा मैया का गरिमामय माहात्म्य ॥

बेद की औषद खाइ कछु न करै बहु संजम री सुनि मोसें ।
तो जलापान कियौ रसखानि सजीवन जानि लियो रस तेर्तृ ।
एरी सुघामई भागीरथी नित पथ्य अपथ्य बने तोहिं पोसे ।
आक धतूरो चाबत फिरे विष खात फिरै सिव तेऐ भरोसें ।



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