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म्हारा घट मा बिराजता श्रीनाथजी भजन लिरिक्स | Mara Ghat Ma Birajta Shrinathji Bhajan Lyrics

Mara Ghat Ma Birajta Shrinathji Bhajan Lyrics


म्हारा घट मा बिराजता श्रीनाथजी भजन लिरिक्स


म्हारा घट मा बिराजता,
श्रीनाथजी यमुनाजी महाप्रभुजी,
म्हारो मनड़ो है गोकुल वृन्दावन,
म्हारे तन रो आंगणियों है तुलसी नवल,
म्हारा प्राण जीवन,
मारा घट मा बिराजता,
श्रीनाथजी यमुनाजी महाप्रभुजी ॥
म्हारे मन रे आंगनिये श्रीमहाकृष्णजी,
म्हारी आंख्या दिखे गिरधारी रे हरि,
म्हारो तन मन करूँ रे इनपे वारि रे वारि,
म्हारा श्याम मुरारी,
मारा घट मा बिराजता,
श्रीनाथजी यमुनाजी महाप्रभुजी ॥

हूँ तो नित्य विठ्ठलजी री सेवा ही करूँ,
हूँ तो आठ पहर आकि झांकी निहारूं,
हूँ तो चितनाशीनाथजी रे चरणन धरूँ,
जीवन सफल करूँ,
मारा घट मा बिराजता,
श्रीनाथजी यमुनाजी महाप्रभुजी ॥

हूँ तो भक्ति मारगिये री शरण पड्यो,
म्हारो मनडो कीर्तन माहि रम ही गयो,
हूँ तो लाला की लाली में मनड़ो रम्यो,
जीवन धन्य करूँ,
मारा घट मा बिराजता,
श्रीनाथजी यमुनाजी महाप्रभुजी ॥

म्हारे हृदय रा स्वांस नित नारायण भजे,
वाह वाह रे मानव देह कदे ना मिले,
फेरूं लख रे चौरासी की बड़ी रे फेरी,
मन मोहन हरि,
मारा घट मा बिराजता,
श्रीनाथजी यमुनाजी महाप्रभुजी ॥

म्हारे अंत समय की री सुनोजी अर्जी,
म्हारे आंख्या रे आडे ठाकुरजी और श्रीजी,
म्हाने मरता ने यम का दर्शन कदे ना भावे,
म्हारो नाथ ही आवे,
मारा घट मा बिराजता,
श्रीनाथजी यमुनाजी महाप्रभुजी ॥

म्हारा घट मा बिराजता,
श्रीनाथजी यमुनाजी महाप्रभुजी,
म्हारो मनड़ो है गोकुल वृन्दावन,
म्हारे तन रो आंगणियों है तुलसी नवल,
म्हारा प्राण जीवन,
मारा घट मा बिराजता,
श्रीनाथजी यमुनाजी महाप्रभुजी ॥



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