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पर्वत कि ऊँची चढ़ाई रे भोले तेरे दर्शन को आई रे लिरिक्स | Parvat Ki Uchi Chadhayi Re Bhole Tere Darshan Ko Aayi Re Lyrics

Parvat Ki Uchi Chadhayi Re Bhole Tere Darshan Ko Aayi Re Lyrics


पर्वत कि ऊँची चढ़ाई रे भोले तेरे दर्शन को आई रे लिरिक्स


पर्वत कि ऊँची चढ़ाई रे भोले तेरे दर्शन को आई रे लिरिक्स
पर्वत कि ऊँची चढ़ाई रे
भोले तेरे दर्शन को आई रे 

मै तो जल भर कलशा लायी रे 
झाडो में उलझती आई रे 
सांप बिच्छु ने एसी डराई रे 
मेरी गगरी छलकती आयी रे 
पर्वत कि ऊँची चढ़ाई रे
भोले तेरे दर्शन को आई रे 

मै तो चन्दन केसर लायी रे 
शमशानों को देख घबरायी रे 
भुत प्रेतों ने एसी डराई रे 
मेरी केसर बिखरती आई रे
पर्वत कि ऊँची चढ़ाई रे
भोले तेरे दर्शन को आई रे 

मै तो हार गूँथ कर लायी रे 
शिव जी के गले पहनाई रे 
भोले ने पलके उठाई रे 
शिव गौरा से दर्शन पाई रे 
पर्वत कि ऊँची चढ़ाई रे
भोले तेरे दर्शन को आई रे 

मै तो भंगिया घोट कर लायी रे 
द्वार नंदी को बैठे पायी रे 
नंदी ने मोहे समझायी रे 
भोले समाधी लगायी रे 
पर्वत कि ऊँची चढ़ाई रे
भोले तेरे दर्शन को आई रे 



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