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जय जय गिरिवर राज किशोरी भजन लिरिक्स | Jay Jay Giriwar Raj Kishori Bhajan Lyrics

Jay Jay Giriwar Raj Kishori  Bhajan Lyrics



जय जय गिरिवर राज किशोरी भजन लिरिक्स


जय जय गिरिवर राज किशोरी ।
जय महेश मुख चन्द चकोरी...-2

जय गजबदन षडाननमाता।
जगत जननी दामिनी दुति गाता।।

देबि पूजि पद कमल तुम्हारे।
सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे।।
मोर मनोरथु जानहु नीकें।
बसहु सदा उर पुर सबहीं के ।।
कीन्हेऊँ प्रगट न कारन तेहीं।
अस कहि चरन गहे बैदेही ।।
जय गजबदन षडाननमाता।
जगत जननी दामिनी दुति गाता.....

बिनय प्रेम बस भई भवानी।
खसी माल मूरति मुसकानी ।।
सादर सियँ प्रसादु सर धरेऊ ।
बोली गैरी हरषु हियँ भरेऊ ।।
सुनु सिय सत्य असीस हमारी ।
पूजिहि मन कामना तुम्हारी ।।
नारद बचन सदा सूचि साचा ।
सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा ।।
जय गजबदन षडाननमाता।
जगत जननी दामिनी दुति गाता.....

नहिं तव आदि मध्य अवसाना ।
अमित प्रभाउ बेदु नहिं जाना।।
भव भव विभव पराभव कारिनि।
विश्व बिमोहनि स्वबस बिहारिनि।।
पति देवता सुतीय महुँ मातु प्रथम तव रेख।
महिमा अमित न सकहिं कहि सहस् सारदा सेष।।
सेवत तोहि सुलभ फल चारी।बरदायनी पुरारी पिआरी।।
मोर मनोरथु जानहु नीकें। बसहु सदा उर पुर सबहीं के ।।
कीन्हेऊँ प्रगट न कारन तेहीं।अस कहि चरन गहे बैदेही ।।
जय जय गिरिवर राज किशोरी ।
जय महेश मुख चन्द चकोरी ।।
जय गजबदन षडाननमाता।
जगत जननी दामिनी दुति गाता।।

सिया राम...... सिया राम...... सिया राम...... सिया राम.....



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