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मिथिला में राम खेलथि होरी भजन लिरिक्स | Mithila Mein Ram Khelthi Hori Lyrics

Mithila Mein Ram Khelthi Hori Lyrics


मिथिला में राम खेलथि होरी लिरिक्स

मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में,
मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में,
मिथिला में हो, मिथिला में हो, मिथिला में,
मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में,

मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में,
मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में,
मिथिला में हो, मिथिला में हो, मिथिला में,
मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में,

अबिर गुलाल कुमकुमा केशर,
अबिर गुलाल कुमकुमा केशर,
सखियन के शोभे नटवेशर,
सखियन के शोभे नटवेशर,
हाथ लेने अबिरक झोड़ी हो लाला,
हाथ लेने अबिरक झोड़ी, मिथिला में,
मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में,
मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में,

आजु जनकपुर रंग में सानल,
आजु जनकपुर रंग में सानल,
मैथिल हिय आनंद समायल,
मैथिल हिय आनंद समायल,
सब धेने प्रेमक डोरी हो लाला,
सब धेने प्रेमक डोरी, मिथिला में,
मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में,
मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में,
सीता-रामक छवि अति प्यारी,
सीता-रामक छवि अति प्यारी,
नवल बसंतक महिमा न्यारी,
नवल बसंतक महिमा न्यारी,
युगल सरस मन के भोरी, हो लाला,
युगल सरस मन के भोरी, मिथिला में,
मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में,
मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में,

मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में,
मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में,
मिथिला में हो, मिथिला में हो, मिथिला में,
मिथिला में राम खेलथि होली, मिथिला में।




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