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Mirabai Bhajan Lyrics : मीराबाई भजन लिरिक्स

Mirabai Bhajan Lyrics


मीराबाई भजन लिरिक्स



Faq:-

जन्म जशोदा राव रतन सिंह राठौड़ ई. 1498 कुड़की ग्राम (पाली)
मौत ई. 1547 द्वारिका, गुजरात सल्तनत
उपनाम मीरा मीरा बाई
प्रसिद्धि का कारण कविता, कृष्ण भक्ति

मीराबाई की मृत्यु कब और कैसे हुई-
वर्ष 1547 में द्वारका में कृष्ण की भक्ति करते-करते श्रीकृष्ण की मूर्ति में समां गईं थी।

मीराबाई की भक्ति कौन सी है?
मीराबाई की भक्ति 'माधुर्य भाव' की भक्ति कही जाती है। माधुर्य भाव की भक्ति के अंतर्गत भक्त और भगवान में प्रेम का संबंध होता है।

कृष्ण भक्ति पाने के लिए मीरा ने क्या क्या किया?
मीरा कृष्ण भक्ति पाने के लिए वह सेवक बन कर उनकी सेवा कर उनके साथ रहना चाहती हैं, उनके लिए बाग बगीचे लगाना चाहती है। वृंदावन में उनकी लीलाओं का गुणगान करना चाहती हैं, महलों में अनगिनत खिड़कियाँ बनवाना चाहती हैं ताकि आसानी से कृष्ण के दर्शन कर सकें।


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