Type Here to Get Search Results !

एक बूँद स्यों बुझ गयी भजन लिरिक्स | Ek Boond Syon Bujh Gayi Bhajan Lyrics

Ek Boond Syon Bujh Gayi Bhajan Lyrics


एक बूँद स्यों बुझ गयी भजन लिरिक्स



एक बूँद स्यों बुझ गयी, जनम-जनम की प्यास।

1. प्रेम पंथ की पालकी, रविदास बैठिया,
सांचे सांची मिल गई, आनंद कहने न पाए।

2. ज्यों सुध आवे पीव की, विरह उठी तन आग,
ज्यों चूने की कांकरी, छिरके त्यों भई आग।

3. चलत हलत बैठत उठत, धरूँ मैं तेरा ध्यान,
रैदास तू मोहे मन बसे, चरण कंवल की आस।

4. रविदास रात न सोविये, दिवस न करिये स्वाद,
अह निस हरि जी सिमरिये, छाडि सकल प्रतिवाद।




एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
close button