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गंगा तेरा पानी अमृत भजन लिरिक्स | Ganga Tera Pani Amrit Bhajan Lyrics

Ganga Tera Pani Amrit Bhajan Lyrics


गंगा तेरा पानी अमृत भजन लिरिक्स


गंगा तेरा पानी अमृत, झर झर बहता जाए,
युग युग से इस देश की धरती, तुझसे जीवन पाए |

दूर हिमालय से तू आई, गीत सुहाने गाती,
बस्ती बस्ती जंगल जंगल, सुख संदेश सुनाती,
तेरी चाँदी जैसी धारा, मीलों तक लहराए,
गंगा तेरा पानी अमृत…

कितने सूरज उभरे डूबे, गंगा तेरे द्वारे,
युगों युगों की कथा सुनाएँ, तेरे बहते धारे,
तुझको छोड़ के भारत का, इतिहास लिखा ना जाए,
गंगा तेरा पानी अमृत…

इस धरती का दुःख सुख तूने, अपने बीच समोया,
जब जब देश ग़ुलाम हुआ है, तेरा पानी रोया,
जब जब हम आज़ाद हुए हैं, तेरे तट मुस्काए,
गंगा तेरा पानी अमृत…

खेतों खेतों तुझसे जागी, धरती पर हरियाली,
फसलें तेरा राग अलापें, झूमे बाली बाली,
तेरा पानी पीकर मिट्टी, सोने में ढल जाए,
गंगा तेरा पानी अमृत…

तेरे दान की दौलत ऊँचे, खलिहानों में ढलती,
खुशियों के मेले लगते, मेहनत की डाली फलती,
लहक लहक के धूम मचाते, तेरी गोद के जाए,
गंगा तेरा पानी अमृत…

गूँज रही है तेरे तट पर, नवजीवन की सरगम,
तू नदियों का संगम करती, हम खेतों का संगम,
यही वो संगम है जो दिल का, दिल से मेल कराए,
गंगा तेरा पानी अमृत…

हर हर गंगे कहके दुनिया, तेरे आगे झुकती,
तुझी से हम सब जीवन पाएँ, तुझी से पाएँ मुक्ति,
तेरी शरण मिले तो मैया, जनम सफल हो जाए,
गंगा तेरा पानी अमृत…



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