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बाजी बाजी रे शहनाई जनक नगरी भजन लिरिक्स | Baje Baje Re Shahnayi Janak Nagri Bhajan Lyrics

Baje Baje Re Shahnayi Janak Nagri Lyrics

बाजी बाजी रे शहनाई जनक नगरी लिरिक्स


बाजी बाजी रे शहनाई जनक नगरी,

बाजी बाजी रे शहनाई जनक नगरी,
आज आई बारात जनक नगरी,
बाजी बाजी रे शहनाई जनक नगरी,
आज आई बारात जनक नगरी,
कहां बैठाउ दूल्हा राम और लक्ष्मण,
कहां बैठाउ दशरथ समधी,
आज आई बारात जनक नगरी,
आज आई बारात जनक नगरी।बाजी बाजी रे शहनाई जनक नगरी,
आज आई बारात जनक नगरी,
मंडप बैठाउ दूल्हा राम और लक्ष्मण,
सिंहासन बैठाउ दशरथ समधी,
बाजी बाजी रे शहनाई जनक नगरी,
आज आई बारात जनक नगरी।बाजी बाजी रे शहनाई जनक नगरी,
आज आई बारात जनक नगरी,
क्या खिलाऊँ दूल्हा राम और लक्ष्मण,
क्या खिलाऊँ दशरथ समधी
बाजी बाजी रे शहनाई जनक नगरी,
आज आई बारात जनक नगरी।बाजी बाजी रे शहनाई जनक नगरी,
आज आई बारात जनक नगरी,
मेवा मिठाई दूल्हा राम और लक्ष्मण
पूडि खीर दशरथ समधी,
बाजी बाजी रे शहनाई जनक नगरी,
आज आई बारात जनक नगरी।बाजी बाजी रे शहनाई जनक नगरी,
आज आई बारात जनक नगरी,
क्या कुछ देऊँ दूल्हा राम और लक्ष्मण,
क्या कुछ देऊँ दशरथ समधी
बाजी बाजी रे शहनाई जनक नगरी,
आज आई बारात जनक नगरी।बाजी बाजी रे शहनाई जनक नगरी,
आज आई बारात जनक नगरी,
सीता उर्मिला दूल्हा राम और लक्ष्मण,
अंत्र धन देऊँ दशरथ समधी
बाजी बाजी रे शहनाई जनक नगरी,
आज आई बारात जनक नगरी।बाजी बाजी रे शहनाई जनक नगरी,
आज आई बारात जनक नगरी,



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