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आठ ही के काठ के कोठरिया छठ गीत लिरिक्स | Aath He Ke Kath Ke Kothriya Chhath Geet Lyrics

Aath He Ke Kath Ke Kothriya Chhath Geet Lyrics


आठ ही के काठ के कोठरिया  छठ गीत लिरिक्स


आठ ही के काठ के कोठरिया  हो दीनानाथ , रूपे छा~ने लागल केवाड़।

आठ ही के काठ के कोठरिया हो दीनानाथ , रूपे छा~ने लागल केवाड़।

ताहि ऊपर चढ़ी सुतले हो दीनानाथ बांझी केवडूवा धइले ठाड़।

ताहि ऊपर चढ़ी सुतले हो दीनानाथ बांझी केवडूवा धइले ठाड़।

चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ , कौन संकट पडल तोहार।

चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ , कौन संकट पडल तोहार।

पुत्र संकट पडल , मोरा हो दीनानाथ ओहिला केवडूवा धईले ठाड़।

पुत्र संकट पडल , मोरा हो दीनानाथ ओहिला केवडूवा धईले ठाड़।

चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ , कौन संकट पडल तोहार।

चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ , कौन संकट पडल तोहार।

नैना संकट पड़ल मोरा हो दीनानाथ ओहिला केवडुआ धईले ठाड़।

नैना संकट पड़ल मोरा हो दीनानाथ ओहिला केवडुआ धईले ठाड़।

चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ , कौन संकट पडल तोहार।

चदर उघारी जब देखले हो दीनानाथ , कौन संकट पडल तोहार।

काया संकट पडल मोरा हो दीनानाथ ,ओहिला केवडुआ धईले ठाड़।

काया संकट पडल मोरा हो दीनानाथ ,ओहिला केवडुआ धईले ठाड़।

बांझीनी के पुत्र जब , दिहले दीनानाथ खेलत-कुदत घर जात।

बांझीनी के पुत्र जब , दिहले दीनानाथ खेलत-कुदत घर जात।

अन्हरा के आंख दिहले कोढ़िया के कायावा हसत बोलत घर जात।

अन्हरा के आंख दिहले कोढ़िया के काया


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