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जगन्नाथ होके रथ पे सवार भजन लिरिक्स | Jagannath Hoke Rath Pe Sawar Bhajan Lyrics

Jagannath Hoke Rath Pe Sawar Bhajan Lyrics


जगन्नाथ होके रथ पे सवार भजन लिरिक्स


आते ही  आषाढ़ मास, भरे हृदय  उल्लास  
मन्दिर पट खोले चले आए ,प्रभु  भक्तों के पास 
जगन्नाथ, होके रथ पे सवार – 2
जगन्नाथ, होके रथ पे सवार – 2

सुभद्रा और बलभद्र  संग -2
चले  गुण्डिचा  द्वार
जगन्नाथ, होके रथ पे सवार 
जगन्नाथ, होके रथ पे सवार

राजा सोने की झाड़ू बुहारे  हर्षाते हैं भक्त ये  सारे 
राजा सोने की झाड़ू बुहारे  हर्षाते हैं भक्त ये  सारे
गूंजे प्रभु वर के जयकारे 
गूंजे प्रभु वर के जयकारे
खुशियों के बादल से मिलकर-2
नभ बरसाए रे धार 
जगन्नाथ, होके रथ पे सवार 
जगन्नाथ, होके रथ पे सवार

आ आ आ आ आ आ आ
आज का दिन है कितना पावन, ईश्वर भक्ति है  मनभावन
आज का दिन है कितना पावन, ईश्वर भक्ति है  मनभावन
भीड़ खड़ी करने को दर्शन 
भीड़ खड़ी करने को दर्शन
अपने सेवक -2 जन की श्रद्धा, कर लेना  स्वीकार 
जगन्नाथ, होके रथ पे सवार 
जगन्नाथ, होके रथ पे सवार

हरेक मन में जगी है शुभ आस ,भक्ति  अपनी रहे ये अविनाश 
हरेक मन में जगी है शुभ आस ,भक्ति  अपनी रहे ये अविनाश
तुझसे जीवन का हो आभास  
तुझसे जीवन का हो आभास   
पूरब में पुरी  पश्चिम द्वारिका, -2  महिमा इनकी अपार 
जगन्नाथ, होके रथ पे सवार 
जगन्नाथ, होके रथ पे सवार
सुभद्रा और बलभद्र  संग -2
चले  गुण्डिचा  द्वार
जगन्नाथ, होके रथ पे सवार 
जगन्नाथ, होके रथ पे सवार -4

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