पाएंगे अटल सुहाग, चलो सखी बरगद को पूजें भजन लिरिक्स
रोली सिंदूर, चूड़ी कंगना चढ़ाओ
हलवा पूरी, पंच भोग चढ़ाओ, करो सखी सोलह श्रृंगार, चलो सत्यवान सावित्री की कथा सुनेंगे,
श्रद्धा और भक्ति से पूजन करेंगे फेरे लगाएंगे साथ, चलो सखी
बरगद की पूजा से संकट काटेंगे, सजना की लंबी उमरिया मांगेंगे संकट सजना के हो जाए दूर, चलो सखी-
चंदा सूरज, जब तक, धरती गगन है, सागर की लहरों में जब तक तरंग है, रहे सातों जन्म पिया साथ, चलो सखी-----