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कैला मइया के भवन में घुटुअन खेले लांगुरिया लिरिक्स

कैला मइया के भवन में घुटुअन खेले लांगुरिया लिरिक्स

कैला मइया के भवन में घुटुअन खेले लांगुरिया लिरिक्स


कैला मइया के भवन में घुटुअन खेले लांगुरिया,
खेले लांगुरिया के घुटुअन खेले लांगुरिया
कैला मइया के भवन में सरपट डोले लांगुरिया।
कैला मइया ----।

राम श्याम सब कोई कहे ए जी कोई दशरथ कहे न कोय,
एक बार दशरथ कहे तो कोटि यज्ञ फल होय।
कैला मइया ----।

राम नाम के कारण ए जी कोई सब धन लीनो मोय,
मूरख जाने कल गयो सो दिन दिन दूनो होय।
कैला मइया ----।

तुलसी या संसार में ए जी कोई भाँत भाँत के लोग,
सब साहिल मिल चालिए जी कोई नदी नाव संजोग।
कैला मइया ----।

चित्रकूट के घाट पे ए जी कोई भइ संतन की भीर,
तुलसीदास चन्दन घिसत और तिलक देत रघुबीर।
कैला मइया। 


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