नवरात्रि भजन लिरिक्स
1. भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे लिरिक्स
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे,
हो रही जय जय कार मंदिर विच आरती जय माँ ।।
हे दरबारा वाली आरती जय माँ ।
ओ पहाड़ा वाली आरती जय माँ ।।
काहे दी मैया तेरी आरती बनावा,
काहे दी पावां विच बाती,
मंदिर विच आरती जय माँ ।।
सुहे चोलेयाँ वाली आरती जय माँ ।
हे माँ पहाड़ा वाली आरती जय माँ ।।
सर्व सोने दी आरती बनावा,
अगर कपूर पावां बाती,
मंदिर विच आरती जय माँ ।।
हे माँ पिंडी रानी आरती जय माँ ।
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ ।।
कौन सुहागन दिवा बालेया मेरी मैया,
कौन जागेगा सारी रात,
मंदिर विच आरती जय माँ ।।
सच्चिया ज्योतां वाली आरती जय माँ ।
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ ।।
सर्व सुहागिन दिवा बलिया मेरी अम्बे,
ज्योत जागेगी सारी रात,
मंदिर विच आरती जय माँ ।।
हे माँ त्रिकुटा रानी आरती जय माँ ।
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ ।।
जुग जुग जीवे तेरा जम्मुए दा राजा,
जिस तेरा भवन बनाया,
मंदिर विच आरती जय माँ ।।
हे मेरी अम्बे रानी आरती जय माँ ।
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ ।।
सिमर चरण तेरा ध्यानु यश गावे,
जो ध्यावे सो, यो फल पावे,
रख बाणे दी लाज,
मंदिर विच आरती जय माँ ।।
सोहनेया मंदिरां वाली आरती जय माँ ।।
2. प्यारा सजा है द्वार भवानी लिरिक्स
दोहा : दरबार तेरा दरबारों में, एक ख़ास एहमियत रखता है ।
उसको वैसा मिल जाता है, जो जैसी नियत रखता है ॥
बड़ा प्यारा सजा है द्वार भवानी ।
भक्तों की लगी है कतार भवानी ॥
ऊँचे पर्बत भवन निराला ।
आ के शीश निवावे संसार, भवानी ॥
प्यारा सजा है द्वार भवानी ॥
जगमग जगमग ज्योत जगे है ।
तेरे चरणों में गंगा की धार, भवानी ॥
तेरे भक्तों की लगी है कतार, भवानी ॥
लाल चुनरिया लाल लाल चूड़ा ।
गले लाल फूलों के सोहे हार, भवानी ॥
प्यारा सजा है द्वार, भवानी ॥
सावन महीना मैया झूला झूले ।
देखो रूप कंजको का धार भवानी ॥
प्यारा सजा है द्वार भवानी ॥
पल में भरती झोली खाली ।
तेरे खुले दया के भण्डार, भवानी ॥
तेरे भक्तों की लगी है कतार, भवानी ॥
लक्खा को है तेरा सहारा माँ ।
करदे अपने सरल का बेडा पार, भवानी ॥
प्यारा सजा है द्वार भवानी ॥
3. चलो भुलावा आया है माता ने बुलाया है लिरिक्स
दोहा: माता जिनको याद करे, वो लोग निराले होते हैं |
माता जिनका नाम पुकारे, किस्मत वाले होतें हैं ||
चलो भुलावा आया है, माता ने बुलाया है |
ऊँचे परबत पर रानी माँ ने दरबार लगाया है ||
सारे जग मे एक ठिकाना, सारे गम के मारो का,
रास्ता देख रही है माता, अपने आख के तारों का |
मस्त हवाओं का एक झोखा यह संदेसा लाया है ||
जय माता की कहते जाओ, आने जाने वालो को,
चलते जाओ तुम मत देखो अपने पो के षालों को |
जिस ने जितना दरद सहा है, उतना चैन भी पाया है ||
वैष्णो देवी के मन्दिर मे , लोग मुरदे पाते है,
रोते रोते आते है, हस्ते हस्ते जाते है |
मे भी मांग के देखूं, जिस ने जो माँगा वो पाया है ||
मे तो भी एक माँ हूं माता,
माँ ही माँ को पहचाने |
बेटे का दुःख क्या होता है, और कोई यह क्या जाने |
उस का खून मे देखूं कैसे, जिस को दूध पिलाया है ||
प्रेम से बोलो, जय माता दी |
ओ सारे बोलो, जय माता दी |
वैष्णो रानी, जय माता दी |
अम्बे कल्याणी, जय माता दी |
माँ भोली भाली, जय माता दी |
माँ शेरों वाली, जय माता दी |
झोली भर देती, जय माता दी |
संकट हर लेती, जय माता दी |
ओ जय माता दी, जय माता दी |
4. वो है कितनी दीनदयाल सखी लिरिक्स
कोई कमी नही है,
दर मैया के जाके देख,
देगी तुझे दर्शन मैया,
तू सर को झुका के देख,
अगर आज़माना है,
तो आजमा के देख,
पल भर में भरेगी झोली,
तू झोली फैला के देख।।
वो है जग से बेमिशाल सखी,
माँ शेरोवली कमाल सखी,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
वो है कितनी दीनदयाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
तुझे क्या बतलाऊँ।
जो सच्चे दिल से,
द्वार मैया के जाता है,
वो मुँह माँगा वर,
जग-जननी से पाता है,
फिर रहे ना वो, कंगाल सखी,
हो जाए, मालामाल सखी,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
वो है कितनी दीनदयाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
तुझे क्या बतलाऊँ।
माँ पल पल करती,
अपने भगत की रखवाली,
दुख रोग हरे,
एक पल में माँ शेरोंवाली,
करे पूरे सभी सवाल सखी,
बस मन से भरम निकाल सखी,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
वो है कितनी दीनदयाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
तुझे क्या बतलाऊँ।
माँ भर दे खाली गोद,
की आँगन भर देवे,
खुशियो के लगा दे ढेर,
सुहागन कर देवे,
माँओ को देती लाल सखी,
रहने दे ना कोई मलाल सखी,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
वो है कितनी दीनदयाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
तुझे क्या बतलाऊँ।
हर कमी करे पूरी,
माँ अपने प्यारों की,
लंबी है कहानी,
मैया के उपकरो की,
देती है मुसीबत टाल सखी,
कहा जाए ना सारा हाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
वो है कितनी दीनदयाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
तुझे क्या बतलाऊँ।
वो है जग से बेमिशाल सखी,
माँ शेरोवली कमाल सखी,
तुझे क्या बतलाऊँ,
वो है कितनी दीनदयाल,
सखी री तुझे क्या बतलाऊँ,
तुझे क्या बतलाऊँ।
5. धरती गगन में होती है तेरी जय जयकार लिरिक्स
धरती गगन में होती है, तेरी जय जयकार हो मैया,
उँचे भवन में होती है, तेरी जय जयकार,
दुनिया तेरा नाम जपे, हो दुनिया तेरा नाम जपे,
तुझको पूजे संसार, धरती गगन में होती है,
तेरी जय जयकार हो मैया, उँचे भवन में होती है,
तेरी जय जयकार....
सरस्वती महा लक्ष्मी काली, तीनो की तू प्यारी,
गुफा के अंदर तेरा मंदिर, तेरी महिमा न्यारी,
शिव की जता से निकली गंगा, आई शरण तिहारी,
आदि शक्ति आद भवानी, तेरी शेर सवारी,
हे अंबे हे माँ जगदम्बे, करना तू इतना उपकार,
आए है तेरे चरणों में, देना हमको प्यार।
धरती गगन मे होती है.........
ब्रम्हा विष्णु महेश भी तेरे, आगे शीश झुकाए,
सूरज चाँद सितारे तुझसे, उजियारा ले जाए,
देव लोक के देव भी मैया, तेरे ही गुण गाए,
मानव करे जो तेरी भक्ति, भव सागर तर जाए,
हे अंबे हे माँ जगदम्बे, करना तू इतना उपकार,
आए है तेरे चरणों में, देना हमको प्यार।
धरती गगन मे होती है..........